राजेंद्र म्हात्रे की प्रोफाइल फ़ोटो

आपके पापा ने बैंक से घर के लिए ऋण लिया था और बदकिस्मती से अब वे नही रहे।

थोड़े से पैसे बचाने के लिए आपके पापा ने घर कर्ज का कोई बीमा नही लिया था। वैसे बैंक हमेशा ग्राहकों को यह कहती है कि 'जिंदगी का कोई भरोसा नही है, आपके परिवार की बेहतरी के लिए आप बीमा करवा लो'। लेकिन लोग अक्सर यह समझकर इस महत्वपूर्ण बात को टाल देते है, की बैंक 'जादा कमीशन कमाने हेतु' बीमा की ज़बरदस्ती कर रही है।

खैर, जो हुआ उसके बारे में अब तो कुछ भी किया नही जा सकता।

एक बात समझनेकी कोशिश कीजिये कि पापा ने जो घर खरीद लिया था, वह सिर्फ उनके लिए नही, बल्कि पूरे परिवार के लिए लिया था। अब उनके बाद भी अगर आप उसी घर मे रहना चाहते हो, तो जाहिर है, बैंक का कर्ज तो आपको चुकाना ही है।

यह उम्मीद कभी भी नही करना कि बैंक अब आपका सारा कर्ज माफ कर देगी। इसीलिए, बेहतर यही होगा कि…

  • या तो घरके सारे सदस्य मिलकर उस ऋण की अदायगी करे,

या फिर,

  • उस घर को बैंक को सौंप दे, जो उसकी नीलामी करके, उपर की रकम आपके हवाले कर देगी।

इन दोनों के अलावा कोई तीसरा विकल्प है ही नही।

जाते जाते यह भी पूछ लूँ की अगर आपके पापा की बड़ी सी धनराशि बैंक में जमा होती, तो भी क्या आप और आपका परिवार इस दुविधा में रहता, की अब हम क्या करें?

नमोस्तुते !

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