अक्सर लोग राहु और शनि से भयभीत रहते हैं और उनके नकारात्मक प्रभावों के विषय में ही सोचते हैं। कुछ ज्योतिषी भी इनके सकारात्मक प्रभावों के विषय में बात नहीं करते।
अगर जन्म कुंडली में राहु, कर्क, कन्या, वृश्चिक या धनु राशि में हो तथा ३, ६, १० या ११ वे भाव में हो तो राहु की महादशा में राहु की अंतर्दशा में शुभ फलों की प्राप्ति होती है, जैसे कि, राजा या सरकार या अधिकारीयों से सन्मान मिलना, युद्ध व चुनाव में जीत, धन-संपत्ति की प्राप्ति, पत्नी-संतान से सुख, इत्यादि।
अगर जन्म कुंडली में योग-कारक ग्रह अपनी उच्च राशि में स्थित हो और राहु भी उसके साथ स्थित हो तो उस स्थिति में भी राहु की दशा में राहु की भुक्ति में उपरोक्त शुभ फल मिलते हैं.
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