खाद
खाद प्राकृतिक सामग्री है, जो पौधे और पशु अपशिष्ट को गलाकर कर प्राप्त की जाती है, जो खेतों की मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रयोग की जाती है। इसमें मौजूद कार्बनिक पदार्थों की ज्यादा मात्रा मिट्टी की सरंचना में काफी हद तक सुधार करती है। इसको बनाने में जैविक कचरे का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे- गोबर, पतियाँ, घास फूस…आदि।
खाद के विशेष गुण:
इसमें कार्बनिक पदार्थों की मात्रा काफी अधिक पाई जाती हैं।
पौधों और जानवरों के अपघटन द्वारा प्राप्त प्राकृतिक पदार्थ बैक्टीरिया द्वारा रहता है।
ये मिट्टी को पूरी तरह ह्यूमस प्रदान करता है।
यह पादप पोषक तत्वों से पूरी तरह से भरपूर होता है।
इसे खेतों में आसानी से तैयार किया जा सकता है।
इसको स्टोर और परिवहन करने के लिए असुविधाजनक माना जाता है।
यह पौधों द्वारा धीरे-धीरे अवशोषित होता है।
खाद मिट्टी को किसी भी प्रकार की क्षति नहीं पहुंचाता। इसके साथ ही ये लंबे समय तक मिट्टी की गुणवत्ता को बढ़ाने में भी मदद करता है।
उर्वरक
उर्वरक एक व्यावसायिक रूप से तैयार किया गया पादप पोषक हैं। उर्वरक फैक्ट्रियों में तैयार किये जाते हैं। इसमें पौधों के कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते है जैसे- नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम आदि। जिससे पौधों की अच्छी वृद्धि होती हैं। और इससे स्वस्थ पौधों की प्राप्ति होती हैं। ज़्यादातर किसान फसलों के अधिक उत्पादन के लिए महंगे उर्वरकों का उपयोग करते हैं। इन उर्वरकों का उपयोग जितना हो सकें ध्यान से करना चाहिए। क्योंकि कभी-कभी अधिक सिंचाई करने की वजह से उर्वरक पानी में बह जाते हैं और जिस कारण पौधे पूरा तरह अवशोषण नही कर पाते हैं।
उर्वरक के विशेष गुण:
मानव द्वारा निर्मित अकार्बनिक पदार्थ है। इसका उपयोग मिट्टी में उर्वरता में सुधार लाने और उत्पादकता में बढ़ोतरी लाने के लिए किया जाता है।
यह मिट्टी को ह्यूमस प्रदान नहीं करता है।
इसमें पौधों के पोषक तत्व मौजूद होते है जैसे - नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम आदि।
इसके परिणाम प्रयोग के कुछ समय बाद ही देखने को मिल जाते है।
यह कारखानों में तैयार किया जाता है।
इसको आप आसानी से स्टोर और परिवहन कर सकते है।
यह पौधों द्वारा आसानी से अवशोषित हो जाता है।
यह थोड़े महंगे होते है।
उदाहरण: यूरिया
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धन्यवाद
रासायनिक खादों पर जैविक खादों के उपयोग के लाभ हैं:
- खाद पौधों पर धीमी और कोमल है और पानी या भारी बारिश से धुल नहीं पाती है।
- खाद पोषक तत्वों और नमी को बनाए रखकर मिट्टी की स्थिति में सुधार करता है।
- मिट्टी में पोषक तत्वों की धीमी गति से रिहाई के कारण पौधों को कम या कोई नुकसान नहीं होता है।
- जल संसाधनों को प्रदूषित न करें।
- जब रसायन का उपयोग नहीं किया जाता है तो उर्वरक को हटा दिया जाता है, लेकिन खाद मिट्टी की रक्षा करती है। vk vermi bed
रासायनिक खादों पर जैविक खादों के उपयोग के लाभ हैं:
- खाद पौधों पर धीमी और कोमल है और पानी या भारी बारिश से धुल नहीं पाती है।
- खाद पोषक तत्वों और नमी को बनाए रखकर मिट्टी की स्थिति में सुधार करता है।
- मिट्टी में पोषक तत्वों की धीमी गति से रिहाई के कारण पौधों को कम या कोई नुकसान नहीं होता है।
- जल संसाधनों को प्रदूषित न करें।
- जब रसायन का उपयोग नहीं किया जाता है तो उर्वरक को हटा दिया जाता है, लेकिन खाद मिट्टी की रक्षा करती है। vk vermi bed
यहां बोस्टन में हमने एक विशाल जल उपचार संयंत्र का निर्माण किया है जो शहर और आसपास के चौंतीस समुदायों से अपशिष्ट लेता है, कचरे को सुरक्षित रखने के लिए एक उन्नत कोडजेस्टर प्रणाली का उपयोग करता है, समुद्र में सुरक्षित रूप से साइकिल चलाने के लिए ग्रे पानी निकालता है, फिर शुद्ध और सूखा बचे हुए ठोस कचरे को उच्च श्रेणी के उर्वरक के रूप में क्षेत्र के खेतों को बेचा जाएगा। एक बोनस के रूप में, पूरा संयंत्र एक सुंदर बंदरगाह द्वीप पर बनाया गया है जो मीलों लंबी पैदल यात्रा ट्रेल्स और बोस्टन के सुंदर बंदरगाह और क्षितिज के दृश्यों के साथ एक सार्वजनिक पार्क के रूप में कार्य करता है।
यहां बोस्टन में हमने एक विशाल जल उपचार संयंत्र का निर्माण किया है जो शहर और आसपास के चौंतीस समुदायों से अपशिष्ट लेता है, कचरे को सुरक्षित रखने के लिए एक उन्नत कोडजेस्टर प्रणाली का उपयोग करता है, समुद्र में सुरक्षित रूप से साइकिल चलाने के लिए ग्रे पानी निकालता है, फिर शुद्ध और सूखा बचे हुए ठोस कचरे को उच्च श्रेणी के उर्वरक के रूप में क्षेत्र के खेतों को बेचा जाएगा। एक बोनस के रूप में, पूरा संयंत्र एक सुंदर बंदरगाह द्वीप पर बनाया गया है जो मीलों लंबी पैदल यात्रा ट्रेल्स और बोस्टन के सुंदर बंदरगाह और क्षितिज के दृश्यों के साथ एक सार्वजनिक पार्क के रूप में कार्य करता है।
कम्पोस्ट, जिसे कभी-कभी "काला सोना" कहा जाता है, इसमें विघटित कार्बनिक पदार्थ होते हैं जो पोषक तत्वों और रोगाणुओं के साथ मिट्टी को बढ़ाते हैं। आमतौर पर इसमें पुनर्नवीनीकरण सामग्री शामिल होती है, जिसमें क्षयकारी सब्जियां, फल, घास की कतरन और पौधे के पत्ते शामिल होते हैं। कम्पोस्ट में सूक्ष्म कवक, बैक्टीरिया, केंचुए और गोबर बीटल भी होते हैं। यह मिश्रण मिट्टी के भीतर एक सहजीवी भोजन वेब बनाता है। डिकम्पोजिंग सामग्री जीवों को खिलाती है और मिट्टी को जलाने में मदद करती है जबकि इसे नम भी रखती है। कम्पोस्ट पौधों को रोग से लड़ने में मदद करता है, क्षरण को रोकने में मदद करता है, खरपतवारों को नियंत्रित करता
कम्पोस्ट, जिसे कभी-कभी "काला सोना" कहा जाता है, इसमें विघटित कार्बनिक पदार्थ होते हैं जो पोषक तत्वों और रोगाणुओं के साथ मिट्टी को बढ़ाते हैं। आमतौर पर इसमें पुनर्नवीनीकरण सामग्री शामिल होती है, जिसमें क्षयकारी सब्जियां, फल, घास की कतरन और पौधे के पत्ते शामिल होते हैं। कम्पोस्ट में सूक्ष्म कवक, बैक्टीरिया, केंचुए और गोबर बीटल भी होते हैं। यह मिश्रण मिट्टी के भीतर एक सहजीवी भोजन वेब बनाता है। डिकम्पोजिंग सामग्री जीवों को खिलाती है और मिट्टी को जलाने में मदद करती है जबकि इसे नम भी रखती है। कम्पोस्ट पौधों को रोग से लड़ने में मदद करता है, क्षरण को रोकने में मदद करता है, खरपतवारों को नियंत्रित करता है और स्टोर से खरीदी गई मिट्टी के साथ मिलाया जा सकता है। मिट्टी से कसकर भरी हुई मिट्टी, जब आप खाद डालते हैं, तो काम करना आसान हो जाता है। यदि आप अपनी खुद की खाद बनाते हैं, तो आप लैंडफिल में जाने वाले कचरे की मात्रा भी कम कर देते हैं।
उर्वरक अनुप्रयोग पौधों की जरूरतों को तेजी से बढ़ने में मदद करने के लिए लक्षित करते हैं। यदि किसी पौधे में सूक्ष्म- और मैक्रोन्यूट्रिएंट्स, जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम या फास्फोरस की कमी है, तो उर्वरक को जोड़ने से कमियों का त्वरित और आसान समाधान मिलता है। आप विशिष्ट प्रकार के पौधों के लिए उर्वरक खरीद सकते हैं। यदि आपके पौधे को तत्काल पोषण की आवश्यकता है, तो तेजी से जारी उर्वरक तत्काल पोषण प्रदान करते हैं। दूसरी ओर, छर्रों की तरह धीमी गति से जारी उर्वरक, एक विस्तारित अवधि में पोषण प्रदान करते हैं।
जैविक खाद के अनेक लाभ है लेकिन साथ ही कुछ नुकसान भी है जो संक्षिप्त में इस प्रकार है।
फायदे:
१. मिट्टी की उपजाऊ और जल धारण क्षमता बढ़ती है
२. मिट्टी में वायु का संचार अच्छा होता है जिससे पौधों की जड़ों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिल पाती है।
३. मिट्टी का अपरदन रुकता है।
४. मिट्टी में जैव विविधता बढ़ती है साथ ही मिट्टी में जैवांश की मात्रा में वृद्धि होती है जो मृदा उत्पादकता का धोतक है।
५. जैविक खाद में उपजाई गई फसल अधिक पोषक होती है जिसमें सूक्ष्म पोषक तत्वों की प्रधानता होती है।
नुकसान:
१. रासायनिक खाद की अपेक्षा जैविक खद के प्रयोग में फसल का उत्पादन कम होता है किन्तु सतत जैविक खाद के प्रयोग से
जैविक खाद के अनेक लाभ है लेकिन साथ ही कुछ नुकसान भी है जो संक्षिप्त में इस प्रकार है।
फायदे:
१. मिट्टी की उपजाऊ और जल धारण क्षमता बढ़ती है
२. मिट्टी में वायु का संचार अच्छा होता है जिससे पौधों की जड़ों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिल पाती है।
३. मिट्टी का अपरदन रुकता है।
४. मिट्टी में जैव विविधता बढ़ती है साथ ही मिट्टी में जैवांश की मात्रा में वृद्धि होती है जो मृदा उत्पादकता का धोतक है।
५. जैविक खाद में उपजाई गई फसल अधिक पोषक होती है जिसमें सूक्ष्म पोषक तत्वों की प्रधानता होती है।
नुकसान:
१. रासायनिक खाद की अपेक्षा जैविक खद के प्रयोग में फसल का उत्पादन कम होता है किन्तु सतत जैविक खाद के प्रयोग से इस उत्पादन को धीमे धीमे बढ़ाया भी का सकता है।
एक उर्वरक एक प्राकृतिक या रासायनिक रूप से संश्लेषित सामग्री है जो मिट्टी की उर्वरता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए लागू की जाती है।
खाद जैविक पदार्थ है जो प्राकृतिक रूप से सड़ने वाले पौधों और जानवरों से प्राप्त किया जाता है। यह जानवरों और मानव मल से भी प्राप्त किया जाता है और, घरेलू कचरे जैसे कि सब्जी के छिलके से भी।
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एक उर्वरक एक प्राकृतिक या रासायनिक रूप से संश्लेषित सामग्री है जो मिट्टी की उर्वरता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए लागू की जाती है।
खाद जैविक पदार्थ है जो प्राकृतिक रूप से सड़ने वाले पौधों और जानवरों से प्राप्त किया जाता है। यह जानवरों और मानव मल से भी प्राप्त किया जाता है और, घरेलू कचरे जैसे कि सब्जी के छिलके से भी।
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कंपोस्टिंग
बड़ी मात्रा में बहुत सामग्री की आवश्यकता होती है
समाग्री को खाद में परिवर्तित करने के लिए समय लगता है
कम्पोस्ट में c;n की मात्रा का बहुत ख्याल रखना पड़ता है
कम्पोस्ट के ढेर को बार बार ऊपर -नीचे करना पड़ता है
वर्मीकम्पोस्टिंग
बहुत सामग्री की आवश्यकता नहीं होती है
समाग्री को खाद में परिवर्तित करने के लिए कम समय लगता है
कम्पोस्ट में c;n की मात्रा का बहुत ख्याल नहीं रखना पड़ता है
केचुए खुद ही कम्पोस्ट के ढेर को ऊपर नीचे कर लेते है
वर्मीकम्पोस्ट को घर में कैसे बनाये
कंपोस्टिंग
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उर्वरक वह रासायनिक उत्पाद है जो फसलों के उत्पादन को तुरंत बढ़ा देते हैं एवं इन उत्पादों को संयंत्रों में रासायनिक अभिक्रिया के द्वारा बनाया जाता है कुछ उर्वरकों के उदाहरण में आपको देना चाहता हूं सबसे प्रचलित यूरिया दूसरा है डीएपी तीसरा है अमोनियम सल्फेट मोनो अमोनियम फास्फेट डाई अमोनियम फास्फेट ड्ई अमोनियम फास्फेट इत्यादि
मुख्य रूप से उर्वरक निम्न प्रकार के होते हैं
नाइट्रोजन उर्वरक
नाइट्रोजन उर्वरक ऐसे उर्वरक होते हैं जिनमें नाइट्रोजन की उपलब्धता होती है|
नंबर 1 नाइट्रेट उर्वरक
नंबर दो अमोनियम उर्वरक
नंबर 3 अमोनियम नाइट्रेट उर्वरक
नंबर 4 एमाईड उर्वरक
फास्फोरस उर्वरक
फास्फोरस उर्वरक वे उर्वरक होते हैं ज
उर्वरक वह रासायनिक उत्पाद है जो फसलों के उत्पादन को तुरंत बढ़ा देते हैं एवं इन उत्पादों को संयंत्रों में रासायनिक अभिक्रिया के द्वारा बनाया जाता है कुछ उर्वरकों के उदाहरण में आपको देना चाहता हूं सबसे प्रचलित यूरिया दूसरा है डीएपी तीसरा है अमोनियम सल्फेट मोनो अमोनियम फास्फेट डाई अमोनियम फास्फेट ड्ई अमोनियम फास्फेट इत्यादि
मुख्य रूप से उर्वरक निम्न प्रकार के होते हैं
नाइट्रोजन उर्वरक
नाइट्रोजन उर्वरक ऐसे उर्वरक होते हैं जिनमें नाइट्रोजन की उपलब्धता होती है|
नंबर 1 नाइट्रेट उर्वरक
नंबर दो अमोनियम उर्वरक
नंबर 3 अमोनियम नाइट्रेट उर्वरक
नंबर 4 एमाईड उर्वरक
फास्फोरस उर्वरक
फास्फोरस उर्वरक वे उर्वरक होते हैं जिनसे फास्फोरस की पूर्ति होती है|
यह तीन प्रकार के होते हैं
जल में घुलनशील फास्फोरस उर्वरक
जल में अघुलनशील फास्फोरस उर्वरक
सिट्रिक एसिड में घुलनशील फास्फोरस उर्वरक
पोटैशियम उर्वरक
पोटेशियम उर्वरक वे उर्वरक होते हैं जिनसे पौधों को पोटाश की पूर्ति होती है|
यह दो प्रकार के होते हैं
सल्फेट आफ पोटाश
म्यूरेट आफ पोटाश
वर्तमान में सूक्ष्म पोषक तत्व भी बाजार में उपलब्ध है जिन्हें उर्वरकों की श्रेणी में रखा जा सकता है सूक्ष्म पोषक तत्व व पोषक तत्व होते हैं जो पौधों की वृद्धि एवं विकास के लिए बहुत ही कम मात्रा में सहायक होते हैं परंतु इनकी कमी होने पर पौधों के उत्पादन पर भारी प्रभाव पड़ता है पोषक तत्व को में चेलेटेड आयरन चेलेटेड जिंक चिलेटेट मैंगनीज,चिलेटेट बोरान इत्यादि हैं
कृपया मुझे फॉलो करें ताकि मैं अधिक से अधिक आपके लिए लिख सकूं धन्यवाद
हमारे भोजन में सभी पोषक तत्व मूल रूप से मिट्टी से आते हैं। पोषक तत्वों से भरपूर स्वस्थ फसलें बनाने के लिए, किसानों को स्वस्थ मिट्टी के साथ काम करने की आवश्यकता है।
मिट्टी में प्राकृतिक रूप से नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, कैल्शियम और पोटेशियम जैसे कई पोषक तत्व होते हैं। ये पोषक तत्व पौधों को बढ़ने देते हैं। जब मिट्टी के पोषक तत्व गायब होते हैं या कम आपूर्ति में होते हैं, तो पौधे पोषक तत्वों की कमी से पीड़ित होते हैं और बढ़ना बंद कर देते हैं। जब पोषक तत्व का स्तर बहुत कम हो जाता है, तो पौधे ठीक से काम नहीं कर सकता है और दुनिया की आबादी को खिलाने के लिए आवश्यक भोजन का उत्पादन कर सकता है।
एक बार फसलों को मा
हमारे भोजन में सभी पोषक तत्व मूल रूप से मिट्टी से आते हैं। पोषक तत्वों से भरपूर स्वस्थ फसलें बनाने के लिए, किसानों को स्वस्थ मिट्टी के साथ काम करने की आवश्यकता है।
मिट्टी में प्राकृतिक रूप से नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, कैल्शियम और पोटेशियम जैसे कई पोषक तत्व होते हैं। ये पोषक तत्व पौधों को बढ़ने देते हैं। जब मिट्टी के पोषक तत्व गायब होते हैं या कम आपूर्ति में होते हैं, तो पौधे पोषक तत्वों की कमी से पीड़ित होते हैं और बढ़ना बंद कर देते हैं। जब पोषक तत्व का स्तर बहुत कम हो जाता है, तो पौधे ठीक से काम नहीं कर सकता है और दुनिया की आबादी को खिलाने के लिए आवश्यक भोजन का उत्पादन कर सकता है।
एक बार फसलों को मानव उपभोग के लिए काटा जाता है, मिट्टी में पोषक तत्वों की प्राकृतिक आपूर्ति "फिर से भरी" होनी चाहिए। यही कारण है कि किसान अपनी मिट्टी में पोषक तत्व मिलाते हैं। पोषक तत्वों को विभिन्न स्रोतों से जोड़ा जा सकता है- कार्बनिक पदार्थ, रासायनिक उर्वरक और यहां तक कि कुछ पौधों द्वारा। इससे मृदा की उर्वरता बनी रहती है, इसलिए किसान पौष्टिक फसल और स्वस्थ फसलें उगा सकता है।
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कंपोस्टिंग उच्च तापमान के साथ एक एरोबिक प्रक्रिया है, जबकि वर्मीकम्पोस्टिंग एक प्रक्रिया है जहां कीड़े काम करते हैं। इसका मतलब है कि वर्मीकम्पोस्टिंग एक कम तापमान प्रक्रिया है।
वर्मीकम्पोस्टिंग को छोटे डिब्बे में बाथटब आकार के जहाजों में किया जा सकता है। कीड़े रसोई के कचरे और कागज के माध्यम से खाते हैं जिसे जोड़ा जाता है। यह एक नम प्रक्रिया भी है और किसी भी जल निकासी का उपयोग आमतौर पर कीड़ा चाय के रूप में किया जाता है। वर्मीकम्पोस्टिंग बड़े पैमाने पर किया जा सकता है, लेकिन कचरे को पतली परतों में लागू किया जाना चाहिए ताकि ढेर को गर्म न करें या कीड़े को न खिलाएं। कीड़े संवेदनशील जानवर हैं और जब स
कंपोस्टिंग उच्च तापमान के साथ एक एरोबिक प्रक्रिया है, जबकि वर्मीकम्पोस्टिंग एक प्रक्रिया है जहां कीड़े काम करते हैं। इसका मतलब है कि वर्मीकम्पोस्टिंग एक कम तापमान प्रक्रिया है।
वर्मीकम्पोस्टिंग को छोटे डिब्बे में बाथटब आकार के जहाजों में किया जा सकता है। कीड़े रसोई के कचरे और कागज के माध्यम से खाते हैं जिसे जोड़ा जाता है। यह एक नम प्रक्रिया भी है और किसी भी जल निकासी का उपयोग आमतौर पर कीड़ा चाय के रूप में किया जाता है। वर्मीकम्पोस्टिंग बड़े पैमाने पर किया जा सकता है, लेकिन कचरे को पतली परतों में लागू किया जाना चाहिए ताकि ढेर को गर्म न करें या कीड़े को न खिलाएं। कीड़े संवेदनशील जानवर हैं और जब स्थिति सही नहीं होती है तो वे उतार सकते हैं।
खाद बनाने में, न्यूनतम आकार एक घन यार्ड है, अन्यथा तापमान पर्याप्त रूप से नहीं बढ़ेगा। ऑक्सीजन बैक्टीरिया की जरूरतों को पूरा करने के लिए लागू किया जाना चाहिए जो काम करते हैं। इसका मतलब है मोड़ और स्केटिंग। यदि एक कंपोस्ट ढेर बहुत गीला हो जाता है या अन्यथा अवायवीय होता है, तो बदबू का विकास होगा। यह बड़ी औद्योगिक सुविधाओं का मुद्दा है। गंध खाद उद्योग का एच्लीस हील है। vkvermibed
नगरपालिका और निजी उद्योग खाद्यान्न के लिए खाद्यान्न और यार्ड और उद्यान अपशिष्ट एकत्र कर रहे हैं। जब खाद्य अपशिष्ट एकत्रित सामग्री का एक बड़ा प्रतिशत होता है, तो गंध का खतरा अधिक होता है और खाद की सुविधाओं को वातन, मिश्रण और हवा और लीकेज रोकथाम में अधिक परिष्कार की आवश्यकता होती है। vkvermibed
दोनों में से कौन बेहतर है? निर्भर करता है। बगीचे में छोटे पैमाने पर उपयोग के लिए यह गीला भोजन अपशिष्ट के लिए वर्मीकम्पोस्टिंग हो सकता है, खासकर जब हर दिन खिलाया जाता है। यदि नियमित रूप से मोड़ (और एक बैच सिस्टम जहां सभी सामग्री एक ही समय में खाद होती है) के साथ यार्ड कचरे में एक सभ्य आकार का खाद ढेर शामिल होता है। ऐसे मामलों में जहां खाद को बेचा जाता है या जनता को दिया जाता है, गुणवत्ता मानकों को पूरा किया जाना चाहिए, जिसमें गर्म प्रक्रिया में खाद को साफ करना शामिल है। एक बड़े व्यावसायिक सेट-अप की आवश्यकता होती है। vkvermibed
अमरूद के पेड़ के लिए उर्वरक की आवश्यकता पेड़ की स्थिति, मिट्टी की गुणवत्ता, और संभाल के विभिन्न पहलुओं पर निर्भर करती है। यदि मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी होती है या पेड़ को और प्रोत्साहित किया जा सकता है, तो उर्वरक का उपयोग किया जा सकता है। लेकिन, यदि मिट्टी में पोषक तत्व पर्याप्त हैं और पेड़ के साथ सम्मान्य देखभाल की जा रही है, तो उर्वरक की आवश्यकता कम हो सकती है।
आर्गेनिक खाद वह खाद है जो केमिकल और सिंथेटिक पदार्थों के उपयोग के बजाय प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त की जाती है। यह प्राकृतिक मृदा स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करती है, मिट्टी की गुणवत्ता को बढ़ाती है, और पौधों के पोषण को सुनिश्चि
अमरूद के पेड़ के लिए उर्वरक की आवश्यकता पेड़ की स्थिति, मिट्टी की गुणवत्ता, और संभाल के विभिन्न पहलुओं पर निर्भर करती है। यदि मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी होती है या पेड़ को और प्रोत्साहित किया जा सकता है, तो उर्वरक का उपयोग किया जा सकता है। लेकिन, यदि मिट्टी में पोषक तत्व पर्याप्त हैं और पेड़ के साथ सम्मान्य देखभाल की जा रही है, तो उर्वरक की आवश्यकता कम हो सकती है।
आर्गेनिक खाद वह खाद है जो केमिकल और सिंथेटिक पदार्थों के उपयोग के बजाय प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त की जाती है। यह प्राकृतिक मृदा स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करती है, मिट्टी की गुणवत्ता को बढ़ाती है, और पौधों के पोषण को सुनिश्चित करती है। आर्गेनिक खाद बिना हानिकारक केमिकलों के प्रयोग के पेड़ों की प्रकृतिक विकास और संरक्षण में मदद कर सकती है।
घर पर जैविक खाद बनाने के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी है खाद बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पदार्थों की मात्रा। जैविक खाद बनाने के लिए 10 किलो गोबर,10 लीटर गोमूत्र, एक किलो गुड, एक किलो चोकर एक किलो मिट्टी का मिश्रण तैयार करना चाहिए। इन पांच तत्वों को आपस में मिलाने के लिए हाथ से या किसी लकड़ी के डंडे की मदद लें। मिश्रण बन जाने के बाद इसमें एक से दो लिटर पानी डाल दें। अब इसे 20 दिनों तक ढक कर रख दिजिए। ध्यान रखें की इस ड्रम पर धूप न पड़े। अच्छी खाद पाने के लिए इस घोल को प्रतिदिन एक बार अवश्य मिलाएं। 20 दिन बाद ये खाद बन कर तैयार हो जाएगी। यह खाद सूक्ष्म जीवाणु से भरपूर रहेगी खेत की मिट्टी की स
घर पर जैविक खाद बनाने के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी है खाद बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पदार्थों की मात्रा। जैविक खाद बनाने के लिए 10 किलो गोबर,10 लीटर गोमूत्र, एक किलो गुड, एक किलो चोकर एक किलो मिट्टी का मिश्रण तैयार करना चाहिए। इन पांच तत्वों को आपस में मिलाने के लिए हाथ से या किसी लकड़ी के डंडे की मदद लें। मिश्रण बन जाने के बाद इसमें एक से दो लिटर पानी डाल दें। अब इसे 20 दिनों तक ढक कर रख दिजिए। ध्यान रखें की इस ड्रम पर धूप न पड़े। अच्छी खाद पाने के लिए इस घोल को प्रतिदिन एक बार अवश्य मिलाएं। 20 दिन बाद ये खाद बन कर तैयार हो जाएगी। यह खाद सूक्ष्म जीवाणु से भरपूर रहेगी खेत की मिट्टी की सेहत के लिये अच्छी रहेगी।
किसान खाद के अन्दर उपस्थित नाइट्रोजन की आधी मात्रा अमोनिया तथा आधी मात्रा नाइट्रेट रूप में होती है जबकि यूरिया में नाइट्रोजन रूप में होती है, जो बाद में रूपान्तरित होकर पहले अमोनियम तथा फिर नाइट्रेट में बदलती है। मृदा के अन्दर किसान खाद की प्रतिक्रिया उदासीन तथा यूरिया की आरम्भ में क्षारीय तथा बाद में अम्लीय हो जाती है। किसान खाद में नाइट्रोजन के अलावा 9.1 प्रतिशत कैल्शियम भी होता है। यूरिया में नाइट्रोजन 46 प्रतिशत होती है जबकि किसान खाद में 25 प्रतिशत या 26 प्रतिशत तक।
Please apko mere jankari aachi lagi ho to mere channel ko subscribe Karen अमरूद के पेड़ के लिए उर्वरक की आवश्यकता होती है, क्योंकि यह पौधा पोषक तत्वों की अच्छी मात्रा में आवश्यकता होती है। विशेष रूप से जब यह पेड़ फल लगाता है, तो उर्वरक की आवश्यकता और बढ़ जाती है। एक सामान्य नियम है कि अमरूद के पेड़ के लिए दिसंबर से मार्च के बीच उर्वरक की आवश्यकता होती है।
जब आप अमरूद के पेड़ के लिए उर्वरक का उपयोग करते हैं, सुनिश्चित करें कि आप उसे निर्मित करने के लिए अच्छी गुणवत्ता वाला उर्वरक उपयोग कर रहे हैं।
अमरूद के पेड़ के लिए पहले साल में उर्वरक की आवश्यकता अधिक होती है, फिर ढंग से आवश्यकताओं के अनुसार उर्वरक
Please apko mere jankari aachi lagi ho to mere channel ko subscribe Karen अमरूद के पेड़ के लिए उर्वरक की आवश्यकता होती है, क्योंकि यह पौधा पोषक तत्वों की अच्छी मात्रा में आवश्यकता होती है। विशेष रूप से जब यह पेड़ फल लगाता है, तो उर्वरक की आवश्यकता और बढ़ जाती है। एक सामान्य नियम है कि अमरूद के पेड़ के लिए दिसंबर से मार्च के बीच उर्वरक की आवश्यकता होती है।
जब आप अमरूद के पेड़ के लिए उर्वरक का उपयोग करते हैं, सुनिश्चित करें कि आप उसे निर्मित करने के लिए अच्छी गुणवत्ता वाला उर्वरक उपयोग कर रहे हैं।
अमरूद के पेड़ के लिए पहले साल में उर्वरक की आवश्यकता अधिक होती है, फिर ढंग से आवश्यकताओं के अनुसार उर्वरक की मात्रा बढ़ाई जा सकती है।
ऑर्गेनिक खाद वास्तव में उन खाद्य पदार्थों को सूचित करती है जो प्राकृतिक तौर पर उत्पन्न होते हैं और किसानों द्वारा जैविक खेती में उपयोग किए जाते हैं। इसमें कुछ मुख्य खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं जैसे कि कोम्पोस्ट, गोबर का खाद, नीम की खाद, खाद बनाने के लिए आदि। ये खाद्य पदार्थ पौधों को पोषण प्रदान करते हैं और पौधों के विकास को सहायक होते हैं।
इस प्रकार, अमरूद के पेड़ के लिए उर्वरक और ऑर्गेनिक खाद का उपयोग करने से उसका विकास बेहतर होता है और फलों की गुणवत्ता भी बढ़ जाती है।
https://youtube.com/@avisvlogs8176?si=skt2SUYQRHPlMiH7उर्वरक रासायनिक खाद को कहते हैं जो खेती के काम में ली जाती है। इस के कारण किसान की पैदावार में इजाफा होता है।
जैविक खाद यानी मिट्टी मे कार्बन की उपलब्धता। जब मिट्टी में कार्बन ही नही बचा तो मूलभूत जैविक तत्व कैसे उपलब्ध होंगे ?
उर्वरक खाद को कहा जाता हैं फसल पर डालने से फसल अच्छी होती है
आप के घर में से जो निकलने वाला कूड़ा करकट या सब्जी भाजी बची हुई उसे एक फालतू का डिब्बा में ये सब डाल देवे और उसमें पानी डालकर नमी अच्छी बनाई रखे उसके बाद किसी भी कृषि विभाग या कृषि विज्ञान केन्द्र से केचुआ(वर्म )खरीद करके डाल दे ये30 से 45 दिन में खाद बन जाएगी जैविक खाद। उर्वरक को फेक्टरी मैं बनायेजाता हैं।
खाद केमिकल है कम्पोस्ट प्राकृतिक. बेहतर कम्पोस्ट है.
जैविक खेती के बहुत सारे लाभ है
आप प्रमाण यहां देख सकते हैं
पहला लाभ तो हानिकारक रसायन से मुक्ति,जैव विविधता का संरक्षण,जमीन को बंजर होने से बचाव,भूमि की उर्वरा शक्ति में वृद्धि,सूक्ष्म जीवों को नष्ट से रोकती है।स्वास्थ्य लाभ कैंसर तथा अन्य बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।फसल और सब्जियों का उत्पादन भी बढ़ता है ।
मुझे नही मालूम है
मेरा ख्याल है कि आप खाद्य सुरक्षा के बारे में जान ना चाहते हैं। इसका सीधा सादा अर्थ है कि प्रत्येक नागरिक को भर पेट पौष्टिक आहार मिलना चाहिए। धन्यवाद 😀
जो प्राकृतिक तरीके से बने वो खाद जैसे गोबर के सड़ने से बनी खाद
जो फैक्ट्री में रासायनिक पदार्थ से तैयार की जाए वो उर्वरक
खाद नही खाद्य सुरक्षा, ये एक प्रणाली हैं, जिसमें अन्न का भंडारण करके रखा जाता हैं, ताकि संकट के समय भोजन उपलब्ध रहे।
किसान यूरिया!
कैल्सियम अमोनियम नाइट्रेट किसान खाद के नाम से जाना जाता हैं।
गोबर और पेड़ की पत्तियों को सड़ा कर जैविक खाद बनाई जाती है
जीव जंतुओं और पेड़ पौधों के अवशेषों से बनने वाली खाद को जैविक खाद कहते हैं।
पैट्रोलियम व अन्य रासायनिक तत्वों से बनने वाली खाद को रासायनिक खाद कहते हैं।
जो जीवाशो से बनती हैं जैविक खाद जैसें मल मूत्र,मृत जीवाश्मों आदि से । रासायनिक पदार्थो से निर्मित खाद रासायनिक खाद ।