दीक्षित जी,
कन्या लग्न की कुंडली में चंद्र मकर राशि में हो और सप्तम भाव में शनि एवं केतु उपस्थित हो तो उसके कुछ परिणाम इस प्रकार होंगे:
१) दीर्घकालीन मित्रता का प्रेम संबंध में रूपांतरण
२) आंतर्ज्ञातीय प्रेम विवाह
३) विवाह में विलंब
४) विवाह संबंध और व्यापक जन-संबंध-संपर्क में असंतोष, वियोग या विच्छेद की संभावना
यह संभावित परिणाम हैं; ग्रहों के नक्षत्र, बल, अवस्था, डिग्री, कारकत्व तथा अन्य ग्रहों की द्रष्टि से इन परिणामों में अंतर आ सकता है.
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