रूचि जी,
पिछले 6 माह में करीब 10 विद्वान ज्योतिषियों ने इस विषय पर अपने विचार रखे हैं और मैं उनके अधिकतर विचारों से सहमत हूँ, किन्तु सभी ने इसके सिर्फ नकारात्मक प्रभाव के विषय में ही लिखा है, किसी ने भी यह नहीं लिखा कि इसका कोई सकारात्मक प्रभाव भी हो सकता है.
पुस्तक पढ़कर और पाठशाला में जाकर प्राप्त किए हुए ज्ञान में तथा अनुभव से अर्जित ज्ञान और अंतर्ज्ञान में जो अंतर होता है, वह ऐसे विषयों पर हमारे विचारों से उजागर हो जाता है.
मैं विनम्रतापूर्वक अपने अनुभव-आधारित विचार रखते हुए, यह कहना चाहूँगा कि गुरु चांडाल दोष को भी योग में परिवर्तन किया जा सकता है और इसके शुभ परिणाम भी हो सकते हैं.
आप और सभी महान ज्योतिषी का प्रश्न/संदेह/प्रतिक्रिया होगी - यह कैसे हो सकता है वा यह हो ही नहीं सकता। मेरा सभी से विनम्र अनुरोध होगा कि कृपया मेरा पूरा उत्तर पढ़ लीजिए और फिर आप के विवेक-उचित प्रतिभाव दीजिए।
अभी हम कलियुग (कलहयुग) में जी रहे हैं और राहु को इस युग का राजा कहा जाता है. अगर राजा को देव गुरु बृहस्पति का साथ मिल जाए तो क्या होगा?
भले ही बृहस्पति जी, देव गुरु है और राहु एक दानव है लेकिन महाकाल द्वारा मान्य, इस काल अवधि के राजा का क्या वह बहिष्कार करेंगे या उन्हें भी अपनी सेवा प्रदान करेंगे?
यदि स्वरभानु दानव होकर, देव रूप धारण करके देवों का साथ बैठकर, अमृत पान करके अमर बन सकता है तो क्या उसका मस्तिष्क (राहु), देव गुरु बृहस्पति के साथ बैठकर, देवों के ज्ञान का अमृत पीकर, जिसकी कुंडली है उसको अमर बनाने वाला यशस्वी नहीं बना सकता?
अभी हम जिस समय-काल में जी रहे हैं, जिस क्वोरा, इंटरनेट, मोबाईल इत्यादि का प्रयोग कर रहे हैं - यह सब टेक्नोलॉजी राहु की देन है और इस राहु के माध्यम से हम सभी, देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना, देव-गुरु बृहस्पति का ज्ञान, असुराचार्य शुक्र का संज्ञान, महर्षि पराशर और महर्षि भृगु (शुक्राचार्य के पिता) के ज्योतिष विज्ञान इत्यादि की चर्चा, प्रचार, प्रसार, आदान-प्रदान करके लाभ ले रहे हैं और दे रहे हैं - यह सब क्या है? यह भी तो राहु और गुरु का मिलन है, योग है.
कुंडली में राहु और गुरु का बल, अवस्था, कारकत्व, स्वामित्व, महादशा, अन्तर्दशा, गोचर इत्यादि सब का विश्लेषण करके हम जातक को जीवन में सफलता पाने की सही दिशा का मार्गदर्शन देकर उसके गुरु चांडाल दोष को योग में अवश्य परिवर्तन कर सकते हैं.
जातक को भी हमारे मार्गदर्शन को स्वीकार करके उस दिशा में चलने का प्रयत्न करना होगा.
आशा करता हूँ कि आप को मेरे जवाब से संतुष्टि हुई होगी. अगर आप को मेरा उत्तर पसंद आया हो तो अपवोट करना न भूलें.
अधिक जानकारी व मार्गदर्शन के लिए आप मेरा प्रोफाइल संदेश और अन्य पोस्ट पढ़ सकते हैं व मुझ से संपर्क कर सकते हैं. कल्याणमस्तु।
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